सोचो – सोशल मीडिया, पूंजीवाद और उम्मीद
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September 27, 2020
हिन्दी में
इस साल हमने बहुत से लोगों को खो दिया। उनमें से एक थे इरमान, जिनकी प्रतिभा के सिर्फ हम भारतीय ही नहीं, पूरी दुनिया दीवानी थी। इस प्रतिभा के पर…
कल्चरल कैपिटल का होना हमारे जीवन में उतना ही जरूरी है, जितना जरूरी है पैसे, रिश्तों या प्यार का होना। इस एपिसोड में मैं संगीत के अपने जुनून के बारे…